गगनयान, भारत का अंतरिक्ष में एक और कदम /Gaganyaan mission in Hindi/गगनयान मिशन कब लांच होगा

" Gaganyaan Mission" अपनी पहली उड़ान को तैयार।
क्या? इसरो के गगनयान मिशन से, इंसानों को अंतरिक्ष में भेजेगा, भारत



Dear पाठक "your time " के इस आर्टिकल में आप सभी का स्वागत है, उम्मीद है आप सभी स्वस्थ होंगे, आज का यह आर्टिकल इसरो के गगनयान मिशन पर आधारित है उम्मीद है आप सभी को यहां आर्टिकल अवश्य पसंद आएगा,
                                                                 धन्यवाद ।



आखिरकार क्या है? इसरो का गगनयान 


"गगनयान"  जो कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक अंतरिक्ष मिशन है। गगनयान(Gaganyaan) मिशन के द्वारा भारत पहली बार अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजेगा




ISRO द्वारा गगनयान मिशन को  तीन चरणों में पूरा किया जाना है  । इन तीन चरणों में से:-

  •  प्रथम चरण मानवरहित होगा।
  • द्वितीय चरण में व्योममित्र को भेजा जाएगा।
  • तीसरा चरण मानव सहित होगा।

कोरोना के चलते इस मिशन की कार्यप्रणाली तथा निर्धारित समय में काफी देरी आई है। गगनयान मिशन को अंतरिक्ष में 2022 को भेजा जाना था।
गगनयान मिशन के तहत भारत अंतरिक्ष में 3 यात्रियों को भेजेगा।


गगनयान मिशन में  3.7 टन का कैप्सूल का प्रयोग किया जाएगा जो कि अत्याधुनिक फीचर्स से लैस है तथा यहां कैप्सूल इन तीन यात्रियों के साथ सात दिनों के लिए लगभग 400 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की lower orbital में परिक्रमा करेंगे

क्या है?  ऑर्बिटल मॉड्यूल 


ऑर्बिटल मॉड्यूल मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के अंतर्गत आता है यहां एक अंतरिक्ष कैप्सूल का एक कंपार्टमेंट होता है यहां एस्ट्रोनॉट को ऑर्बिट में एक निवास स्थान प्रदान करता है।



इसरो के गगनयान मिशन में एक महिला सहित तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। और इस मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में 7 दिनों तक पृथ्वी की लोर ऑर्बिट कक्षा का चक्कर लगाएगा इसी मिशन के भारत प्रथम बार अंतरिक्ष में इंसानों को भेजेगा तथा इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष में इंसान को भेजने वाला चौंथा देश भी बन जाएगा ।
उन 3देशों के नाम जिन्होंने अंतरिक्ष में मानव युक्त मिशनों को पूरा किय।. 

      1. रूस
      2.  अमेरिका
      3. चीन तथा
गगनयान मिशन के बाद चौथा देश भारत बन जाएगा


गगनयान स्पेस क्राफ्ट के मुख्यतः दो भाग है-

    

                  1.  क्रू मोड्यूल(Crew module) एवं
                  2. सर्विस मोड्यूल(service module)


क्रू मोड्यल :- गगनयान या अंतरिक्ष यान का वह हिस्सा है जहाँ भारत के एस्ट्रोनोट्स बैठेंगे या फिर अंतरिक्ष की सवारी के दौरान चालक दल या व्योमनोट्स का रहने का स्थान होगा।
Vyomanauts उस व्यक्ति को कहा जाता है जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अंतरिक्ष में यात्रा करेगा।


 सर्विस मोड्यूल  :- यह स्पेस क्राफ्ट का वह भाग होता है जहाँ पर इसको चलाने के लिए फ्यूल  तथा अन्य महत्वपूर्ण उपकरण लगे होते हैं । और इसे स्पेस क्राफ्ट से अलग भी किया जा सकता है ।



गगनयान मिशन की अब तक की समय सारणी


• दिसंबर 2014 को  गगनयान के 1 कैप्सूल का उप कक्षा परीक्षण किया गया जिसको इसरो द्वारा GSLV Mark III  रॉकेट की उड़ान से सफल बनाया गया 
• जुलाई 2018 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र  श्री कोटा आंध्र प्रदेश के लॉन्च पैड की सहायता से गगनयान के लॉन्च एबॉर्ट सिस्टम का 4 मिनट  का सफल परीक्षण किया ।
• संभावित: 2022 में गगनयान कैप्सूल की पहली कक्षीय परीक्षण उड़ान की जाएगी।
• संभाविताः 2023 में गगनयान कैप्सूल की दूसरी कक्षीय परीक्षण उड़ान की जाएगी।
• अनुमानित समय के आधार पर 2024 में गगनयान की पहली चालक दल की उड़ान के साथ 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को एक छोटी कक्षीय परीक्षण उड़ान पर ले जाया जाएगा

व्योममित्र/ क्या है? इसरो (ISRO) का " व्योममित्र " प्रोजेक्ट

गगनयान के तहत ISRO अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से पहले इसरो मानव रहित गगनयान का परीक्षण "व्योममित्र " नामक रोबोट के माध्यम से करेगा । इसलिए इसरो मानव रहित गगनयान के माध्यम से सबसे पहले "व्योममित्र" एक महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजेगा ।



Indian Space and Reaserch Oganisation (ISRO) ने एक "व्योममित्र " रोबोट महिला को बनाया है जिससे इसरो गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष में भेजना चाहता है इसरो ने इस पहली महिला ह्यूमॉयड  रोबोट को ही व्योममित्र नाम दिया है ।"व्योममित्र" एक अर्द्ध मानवीय रोबोट है जिसने बेंगलौर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (IAA) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) के पहले सम्मलेन में अपना परिचय दिया।
अपना परिचय देते हुए व्योममित्र ने कहा।
” आप सभी को मेरा नमस्कार। मैं व्योममित्र हूँ और मुझे अर्ध मानव रोबोट के नमूने के रूप में पहले मानवरहित गगनयान मिशन के लिए बनाया गया है।’ मिशन में अपनी भूमिका के बारे में ‘व्योममित्र ने कहा, ”मैं पूरे यान के मापदंडों पर निगरानी रखूंगी, आपको हर सुचना दूंगी और जीवनरक्षक प्रणाली का काम देखूंगी। मैं स्विच पैनल के संचालन सहित विभिन्न काम कर सकती हूँ।”
व्योममित्र को हाफ-ह्यूमनॉइड (Half-Humanoid)  भी कहा जाता है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस रोबोट के पैर नहीं है ।


गगनयान मिशन में इसरो ISRO का सहयोग करने वाली भारतीय एजेंसियां :-

• Defence Research and Development Organisation (DRDO)

 

• भारतीय समुद्री एजेंसियां ( Indian Maritime Agencies) –
              01- भारतीय नौसेना (Indian Navy)
              02- भारतीय तटरक्षक बल, (Indian Coast Guard)
              03- भारतीय नौवहन निगम(Shipping Corporation of India)
              04- राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान(National Institute of Oceanography, India)

 

• भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department)
• राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology) आदि।




कहां हो रहा है? भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण

• 2019 को इसरो और रूस के बीच एक समझौता हुआ था जिसके तहत रूस भारत के एस्ट्रोनॉट का सिलेक्शन, ट्रेनिंग मेडिकल एग्जामिनेशन आदि के लिए इसरो को अपना सहयोग देगा । इस समझौते के तहत हाल ही में रूस ने हमारे एस्ट्रोनोट्स को अंतरिक्ष उड़ान का प्रशिक्षण भी दिया है।




क्या है? "विकास इंजन " और क्या है? इसका गगनयान से संबंध

इसरो ने गगनयान मिशन के लिए तरल प्रणोदक (Liquid Propulsion Systems, LPS) इंजन  बनाया है जिसका नाम ‘विकास’  इंजन रखा गया है इसरो द्वारा विकास इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है
Vikas Rocket  engine

 
 

गगनयान मिशन का संपूर्ण सार


  •   गगनयान मिशन अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) द्वारा भेजा जाएगा ।
  • सहयोगी देश  - रूस
  •  इस मिशन में तीन मिशन होंगे इन तीन मिशनों में 2 मानवरहित और एक मिशन मानव युक्त होगा।
  • launch Vehicle का नाम - GSLV Mark III
  • मिशन के अंतर्गत एस्ट्रोनॉट का अंतरिक्ष भ्रमण - 7 दिनों तक
  •   Astronauts की ट्रेनिंग मे सहयोगी देश-  रूस में
  • मिशन में प्रयोग रोबोट का नाम - व्योममित्र महिला रोबोट
  • मिशन के अंतर्गत टोटल अंतरिक्ष यात्री - 3 मनुष्य +एक रोबोट
  • गगनयान मिशन का नेतृत्व - वैज्ञानिक वीआर ललितांबिका द्वारा
  • मिशन की कुल लागतलगभग - 10000 करोड़
  • गगनयान के लॉन्चिंग की संभावना - 2024 में
   
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Your Time

This is Kapil Nautiyal, Blogger, Entrepreneur, Mechanical Engineer

5 Comments

  1. Hello sir
    मोबाइल फोन की आदत जो हर व्यक्ति को रही है इस से शरीर में होने वाली समस्याओं पर भी एक आर्टिकल पोस्ट कर दो प्लीज 🙏🙏

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    1. Thank you very much for your comment . "Your Time" will definitely make an article on this.

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