प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा / Rakesh Sharma Biography

 इंदिरा गांधी:- ऊपर से भारत कैसा दिखता है आपको?
राकेश शर्मा:- मैं बगैर झिझक के साथ कह सकता हूं, कि "सारे जहां से अच्छा"।



Dear पाठक "your time " के इस आर्टिकल में आप सभी का स्वागत है, उम्मीद है आप सभी स्वस्थ होंगे, आज का यह आर्टिकल भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा जी पर आधारित है । उम्मीद है, आप सभी को यहां आर्टिकल अवश्य पसंद आएगा,
                                   

                                                                            धन्यवाद ।




देश की तरक्की में अंतरिक्ष कार्यक्रम भी अपनी एक अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है, कि हर साल स्पेस प्रोग्रामों के ऊपर सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर लेती है और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को और अधिक मजबूती प्रदान करते हैं।

 कौन है राकेश शर्मा



भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को लुधियाना पंजाब राज्य में हुआ था। राकेश शर्मा बचपन से ही विज्ञान में काफी दिलचस्पी रखते थे इनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जॉर्जेस ग्रामर स्कूल, हैदराबाद से हुई थी और इसके बाद ग्रेजुएशन निज़ाम ओसमानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से किया। राकेश शर्मा अपने बचपन के समय में आसमान में उड़ते हवाई जहाजों को देखा करते तथा उनके कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया करते थे और देखते ही देखते उनके मन में भी आसमान में उड़ने की तमन्ना जाग उठी। उन्होंने भारतीय वायुसेना को ज्वाइन करने का मन बना लिया था साल 1966 में राकेश शर्मा ने एनडीए की परीक्षा पास करके बातोर इंडियन एयरफोर्स कैडेट बने और 1970 में उन्होंने भारतीय वायुसेना मैं बतौर विंग कमांडर के रूप में अपनी सेवा देना प्रारंभ कर दिया था इसी के साथ साल 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में राकेश शर्मा ने विषम तथा कठिन परिस्थितियों में अपनी योग्यता का परिचय देते हुए अपने विमान मिग एयरक्राफ्ट से कई महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की थी और पूरे भारतवर्ष में उनकी सफलताओं की चर्चा जोर शोर से की जाने लगी ।



राकेश शर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय

  • राष्ट्रीयता - भारतीय
  • जन्म|     -   13 जनवरी 1949
  • जन्म स्थान -   लुधियाना, पंजाब राज्य (भारत में)
  • शिक्षा      - सेंट जॉर्जेस ग्रामर स्कूल, हैदराबाद
  • स्नातक    - निज़ाम ओसमानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद
  • पद          - पायलट पद स्क्वाड्रन लीडर (विंग कमांडर सेवानिवृत्त) भारतीय वायुसेना
  • अंतरिक्ष यान का नाम  -  सोयूज टी -11
  • अंतरिक्ष में  बिताया गया समय  - 7 दिन 21 घंटे 40 मिनट
  • उपलब्धि  -   प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री
  • पुरस्कार से सम्मानित   -  अशोक चक्र, हीरो ऑफ सोवियत यूनियन

साल 1984 का वह समय जब भारत ने रचा था एक स्वर्णिम इतिहास


राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 तो अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने और अंतरिक्ष में जाने का खिताब भी अपने नाम कर दिया और इसी के साथ भारत अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने वाला दुनिया का 14वां देश बन गया । इस मिशन के लिए भारत की ओर से दो व्यक्तियों का चयन हुआ था जिनमें से पहला नाम राकेश शर्मा का था तथा दूसरा नाम रवीश मल्होत्रा का था और अंततः राकेश शर्मा का चयन अंतरिक्ष उड़ान के लिए हो पाया। अंतरिक्ष में उन्होंने 7 दिन 21 घंटे 40 मिनट का समय व्यतीत किया था 1984 में भारत और सोवियत संघ के संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और इंटर कॉसमॉस सोवियत संघ के संयुक्त अभियान के द्वारा राकेश शर्मा को अंतरिक्ष में भेजा गया और राकेश शर्मा ने यह उपलब्धि 3 अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में जाने के साथ हासिल कर ली थी राकेश शर्मा के साथ दो अन्य अंतरिक्ष यात्री भी थे जो कि सोवियत संघ से थे तथा इन्होंने सोवियत संघ के डेक्कन ओर से सोयूज t11 अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी थी जो कि अंतरिक्ष स्टेशन साल्युत 7 के लिए भरी गई थी ।
Soyuz T-11  Rocket 



इस मिशन के द्वारा राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से उत्तरी भारत की फोटोग्राफी के साथ-साथ अनेकों अध्ययन शामिल थे जिनमें से एक gravity less योगाभ्यास भी शामिल था । 


इस मिशन के द्वारा तीनों यात्रियों द्वारा अंतरिक्ष में बिताए गए अपने 7 दिन 21 घंटे 40 मिनट के साथी अपने मिशन को पूर्ण करने के बाद वे सभी 11 अप्रैल 1984 को सोवियत संघ के कजाकिस्तान में उतरे। इस मिशन के पूर्ण होते ही राकेश शर्मा की पॉपुलर सिटी बहुत अधिक बढ़ गई थी जो कि स्वाभाविक भी था। क्योंकि राकेश शर्मा भारत के प्रथम और विश्व के 138 वें व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की थी।1987 में राकेश शर्मा ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में मुख्य परीक्षण पायलट के रूप में नियुक्त किया गया

जब इंदिरा गांधी ने पूछा अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?


इस मिशन के दौरान जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष उड़ान के दौरे पर थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा वार्ता के दौरान पूछा की अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है तो राकेश शर्मा ने जवाब दिया कि " सारे जहां से अच्छा " ।


पुरस्कारों से सम्मानित



राकेश शर्मा को अंतरिक्ष से लौटने पर सोवियत संघ के नायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह एकमात्र भारतीय हैं जिन्हें यह सम्मान दिया गया है। राष्ट्रपति द्वारा राकेश शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया  जोकि वीरता,  बहादुरी या फिर किसी साहसिक कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य पुरस्कारों में से एक है


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