जाने भारत की अंतरिक्ष मे उड़ान /ISRO क्या है?/ ISRO in Hindi

 Dear पाठक "your time " के इस आर्टिकल में आप सभी का स्वागत है। उम्मीद है,  आप सभी स्वस्थ होंगे, आज का यह आर्टिकल भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ISRO पर आधारित है। उम्मीद है,  आप सभी को यहां आर्टिकल अवश्य पसंद आएगा, अपने अमूल्य सुझावों के लिए comment अवश्य करें सधन्यवाद ।



ISRO क्या है? इसरो की अंतरिक्ष मे उड़ान

भारत आज विश्व के हर एक क्षेत्र में अपना अहम योगदान निभा रहा है साथ ही भारत की वैश्विक लेवल पर एक अलग ही पहचान बन चुकी हैं, आज हम "your time" के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इसरो से रूबरू करवाएंगे, ISRO की बदौलत ही आज भारत अंतरिक्ष की दुनिया मे लगातार अग्रसर है और हर एक दिन नए-नए मुकाम हासिल कर रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं ISRO क्या है? इसरो की क्या कार्यप्रणाली है?ISRO की स्थापना क्यों और कब की गई थी?




ISRO यहां एक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान है ISRO का पूरा नाम Indian Space Research organisation है इसका मुख्यालय बंगलौर में स्थित है।


भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक  डॉ विक्रम साराभाई  को कहा जाता है 1957 में  रूस द्वारा स्पूतनिक के प्रक्षेपण के बाद, साराभाई ने कृत्रिम उपग्रहों की उपयोगिता तथा महत्वता को समझ लिया था। अंतरिक्ष अनुसंधान को 1961 मैं परमाणु ऊर्जा विभाग की देखरेख में रखा था। भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉक्टर होमी जहांगीर बाबा को माना जाता है,  साल 1962 में 'अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति' (इनकोस्पार /INCOSPAR Indian National Committee for Space Research) का गठन किया था ज जिसके सभापति के रूप मैं विक्रम साराभाई नियुक्त किया गया था

ISRO का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष सम्बधी नयी नयी तकनीक उपलब्ध करवाना है, साथ ही संचार उपग्रह, नेविगेशन, मौसम संबंधित जानकारी के लिए उपग्रह और अंतरिक्ष विज्ञान, satellite और अन्य संबंधित तकनीक का विकास करता है.

इसरो का पुराना नाम इनकॉस्पर था जिसकी स्थापना 1962 मैं की गई थी इनकॉस्पर पूरा नाम "अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति" (INCOSPAR) था
इनकॉस्पर का नाम 15 अगस्त 1969 मे बदल कर इसरो (ISRO) कर दिया गया। इसरो का पूरा नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था है।

देशभर में इसरो ISRO के छह प्रमुख केंद्र हैं

                    1. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ( Vikram Sarabhai Space Centre / VSSC ) जोकि तिरुवनंतपुरम में स्थित है
                    2. इसरो उपग्रह केंद्र ( ISRO Satellite Centre /ISC ) जो कि बेंगलूर में स्थित है;
                    3. सतीशधवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre /SDSC / SHAR) जो कि श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में स्थित है 
                    4. द्रव नोदन प्रणाली केंद्र ( Liquid Propulsion Systems Centre / LPSC) जो की तिरुवनंतपुरम, बेंगलूर और महेंद्रगिरी में स्थित है,
                     5. अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (Space Applications Centre) जो कि हमदाबाद गुजरात में स्थित है और
                    6. राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (National Remote Sensing Centre) जो कि हैदराबाद में स्थित हैं।

आर्यभट्ट भारत का पहला उपग्रह/ India's first satellite 


यहां भारत का पहला उपग्रह है जिसेको सोवियत संघ की सहायता   से 19 अप्रैल 1975 को अंतरिक्ष में छोड़ा गया था। इसका नाम भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था । आर्यभट्ट उपग्रह मात्र 5 दिनाे तक हे अपनी सेवा दे पाया तथा इसने 5 दिन बाद काम करना बन्द कर दिया था।



भास्कर भारत का दूसरा उपग्रह


यह भारत का दूसरा उपग्रह  था जिसे 7 जून 1979 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था इसरो ने भास्कर उपग्रह की दो श्रृंखलाएं निकाली थी जिन्हें भास्कर 1 और भास्कर 2 नाम दिया गया था साथ ही साथ यह भारत की पहली लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट थी इस उपग्रह का नाम भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री भास्कर जी के नाम पर पड़ा


रोहिणी उपग्रह


रोहिणी उपग्रह को इसरो द्वारा निर्मित किया गया इसरो द्वारा इसकी चार श्रृंखलाएं बनाई गई थी इसे सतीश धवन अंतरिक्ष संस्थान से एस एल वी 3 (SLV3, Satellite Launch Vehicle-3 ) द्वारा 1980 -1983 तक लांच किया गया था।
          1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारत-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बन गया जिसे कक्षा में स्थापित किया गया।

          

आइए इन्हें  भी जाने PSLV & GSLV 

अंतरिक्ष में किसी भी उपग्रह को भेजने के लिए लॉन्चिंग व्हीकल (Launching Vehicle /LV) का इस्तेमाल किया जाता है. ये LV एक तरह के रॉकेट होते हैं अभी तक Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) और Geosynchronous Satellite Launch Vehicle (GLSV) के द्वारा सेटेलाइट को उनकी कक्षाओं में भेजा जाता है ISRO ने छोटे सैटलाइट भेजने के लिए पहला small satellite launch vehicle (SSLV) तैयार कर लिया है।



PSLV रॉकेट क्या है?और कैसे काम करता है? 

 
इसरो द्वारा 1994 में PSLV रॉकेट का निर्माण किया जिसका उपयोग उपकरण को भेजने के लिए किया जाता है पीएसएलवी की मदद से नेवीगेशन सेटेलाइट ओ को भेजा जाता है

PSLV रॉकेट मे इंधन को चार स्टेज में बांटा गया है जिनमें पहले और तीसरे स्टेज में सॉलिड ईंधन और दूसरे और चौथे स्टेज में लिक्विड ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है.

GSLV रॉकेट क्या है?और यह कैसे काम करता हैं? 

  ये रॉकेट जियो सिंक्रोनस ऑर्बिट में सैटलाइट भेजता है. जियोसिंक्रोनस का मतलब यह है सेटेलाइट पृथ्वी के समानांतर तथा एक समान गति से ही घूमती है जिस कारण ये सैटलाइट हमेशा एक जगह पर रुके हुए से लगते हैं. GSLV के द्वारा कम्यूनिकेशन सैटलाइट, टेलीविजन सैटलाइट संचार सैटेलाइट आज को भेजा जाता है । GSLV रॉकेट में क्रायोजेनिक इंजन लगा होता है जो सैटेलाइट को 36000 किलोमीटर के ऑर्बिट में भेजता हैं



चंद्रयान प्रथम / Moon mission



इसरो ने अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 को माधवन नायर की अध्यक्षता में चन्द्रमा की परिक्रमा के लिए श्रीहरिकोटा से भेजा हां । जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह का अध्ययन और चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी आदि का पता लगाना था

 


इसरो का मार्स मिशन


इसरो ने सितम्बर 2014 को के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने के लिए  मंगलयान  को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करवाया और यह भारत का प्रथम मंगल मिशन था । भारत ने अपने पहले ही प्रयास में इसमें सफलता हासिल कर ली थी और इसी के साथ भारत पहले प्रयास पर ही मंगल मिशन को सफल बनाने वाला प्रथम राष्ट्र भी बन गया ।





मंगल मिशन के सफल प्रक्षेपण के एक साल बाद ही इसरो ने सितंबर 2015 मे एस्ट्रोसैट को _PSLV के द्वारा श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश से लांच किया । साथ ही यहां भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला है।

ISRO ने जून 2016 मे 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च किया

क्या था? ISRO का मेगा मिशन ISRO ने 104 सेटेलाइट भेजकर कैसे बनाया इतिहास? 


इसरो ने साल 2017 में सतीश धवन श्रीहरिकोटा से PSLV C37 के द्वारा एक साथ 104 सैटेलाइट भेज कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह पहला मौका था, जब किसी देश द्वारा एक साथ 104 उपग्रह को उनकी कक्षाओं में भेजा गया था इन 104 उपग्रहों में सबसे ज्यादा उपग्रह अमेरिका देश के थे जिनकी संख्या 96 थी। इस समय इसरो के अध्यक्ष के. सिवान थे।









Indian Space Research Organisation





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